भारत देश प्यारा है मुझको
हमारी आन बान शान है तिरंगा
सबसे न्यारा है यह देश हमारा
देश हमारा धर्म निर्पेक्ष है
शहीद भगत सिंह सुखदेव आजाद की पावन भूमि है
आजाद रहेगा यह भारत देश सदा
एक नया इतिहास रचेगा
अमृत महोत्सव मना रहे हैं
शहीदों को याद कर रहे हैं
जिनके लहू से हमने आजादी पाई
उनको नमन हमारा है
कृष्ण की नगरी है
यहां राम की अयोध्या है
यहां मीरा जैसी भक्त हैं
यहां बलिदानों की अमर कहानी है कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत की शान निराली है
यहां के बच्चे बच्चे में देशभक्ति का जज्बा है
यहां मात पिता भगवान के जैसे यहां बुजुर्गों का सम्मान है
यहां धर्म का जाति का नहीं भेद है
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सब यही बसते हैं
यहीं से सीखा है लोगों ने भाईचारा
स्वाधीनता है हक हमारा
स्वाधीनता के लिए जिए हैं स्वाधीनता के लिए मरेंगे
यही पाठ पढ़ाया है यह पाठ पढ़ते हैं
गांधी से सीखा है देश प्रेम की भाषा
आओ मिलकर स्वाधीनता का गीत गाए घर-घर में तिरंगा लहराए देश का सम्मान तिरंगा तिरंगे की शान बढ़ाएं
स्वाधीनता का मतलब समझे और सब को समझाएं स्वाधीनता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है
अलका पाण्डेय मुम्बई
🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴🟢🟢🟢🟢🟢🟢🟢🟢🟠🟠🟠🟠🟠🟠🟠🟠🟠
29/08, 10:17 am] रामेश्वर गुप्ता के के: अग्नि शिखा मंच ।
विषय :स्वाधीनता - बाल गीत
दिनांक :29:08-2022
यह देश हमारा स्वाधीन है.
और यह स्वाधीन ही रहेगा।
दुनिया के पटल पर अपनी,
रोज एक कहानी लिखेगा।।
यह........................... 1
स्वाधीन होकर पहुंचे हम
पछत्तर वर्ष पूरे हो गये है।
हम निरंतर अपने लक्ष्य पर,
आगे हम सदा बढते रहना है।।
यह............................ 2
यह भारत देश विकास पर है,
यह समृद्धि के शिखर पहुंचा है।
अयोध्या में राम मन्दिर बनाकर,
यहां नवयुग का संचार हुआ है।।
यह................................3
काश्मीर से कन्याकुमारी तक,
हमारी सीमायें सब अक्षुण है।
हमारी तीनों सेनाओं का खौफ,
डर से दुश्मन दूर भाग गया है।।
यह.................................4
हम देश के सच्चे नौनिहाल है,
आजादी को कायम हम रखेंगे।
इस भारत देश की सीमाओं को,
हमेशा हम रक्षा इसकी करेंगे।।
यह..................................5
स्वरचित,
रामेश्वर प्रसाद गुप्ता ।
[29/08, 11:43 am] शोभा रानी तिवारी इंदौर: स्वाधीनता
हमारी शान तिरंगा है ,
हमारी जान तिरंगा है ,
युद्ध क्षेत्र में वीरों का ,
सम्मान तिरंगा है ।
पाक के गद्दारों तुमने ,
घाटी को लहूलुहान किया ,
निर्दोषों का खून बहाया,
बस्ती को श्मशान किया ,
अंतर्मन तड़प रहा ,
घायल आज हिमालय है ,
घायल यहां के नर-नारी ,
घायल आज शिवालय है,
वीरों के शौर्य का ,
उत्थान तिरंगा है।
हमारी जान तिरंगा है ,
हमारी शान तिरंगा है ।
सीमा पर वीर शहीद होते,
तो पूरा देश रोता है ,
चीख उठती है धरती,
उसमें भी कंपन्न होता है ,
ज्वार उठता है समुद्र में ,
मां का दिल भी रोता है ,
वीर का कटा हुआ सर भी ,
वंदे मातरम कहता है ,
तो हर सैनिक का एक सपना ,
कि कफन तिरंगा हो ,
हमारी जान तिरंगा है ,
हमारी शान तिरंगा है।
जो गद्दार हैं देश के ,
उन को सबक सिखाएंगे,
आतंकी संग चौराहों पर ,
उल्टा उन्हें लटकाएंगे ,
चिता से जो मशाल जलाई,
उसी से पाक जलाएंगे ,
दुनिया के नक्शे से पाक का
नामोनिशान मिटाएंगे ,
तो विश्व पटल पर भारत की ,
जयगान तिरंगा है ,
हमारी जान तिरंगा है ,
हमारी शान तिरंगा है ।
श्रीमती शोभा रानी तिवारी
619 अक्षत अपार्टमेंट
खाती वाला टैंक इन्दौर म.प्र.
8989409210
[29/08, 12:42 pm] ब्रज किशोरी त्रिपाठी: अग्नि शिखा मंच
२९-८-२०२२
बिषय बाल गीत
स्वाधीनता।
मेरा देश स्वाधीन है,
हमे प्राणों से प्यारा है।
हम हैं इसके सीमा प्रहरी।
रक्षा का काम हमारा है।
इसके तरफ दुश्मन आंख,
उठाए उनका आंख फोड़ बहा दुंगा।
भारत माता के हित अपना,
प्राण गंवा दुंगा।
एक इंच भूमि किसी को, नहीं हड़पने दुंगा मै।
मातृभूमि के माथे पर अपने
रक्त का टीका लगाऊंगा।
मां मैं सैनिक स्कूल में पढ़ने,
जाऊंगा ।
पढ़ लिख कर मैं सेना में,
अफसर बन जाऊंगा।
अफसर बन कर सबसे,
पहले पाक को मज़ा चखाऊंगा।
तन मन धन साराअपना,
देश पर चढ़ा दूगा।
मैं सहीद भगत सिंह,
राजगुरू सुखदेव को,
अपना शीश झुकाऊंगा।
मां मैं पढ़ने सैनिक स्कूल,
में जाऊंगा।
पढ़ लिख कर सेना में अफसर बन जाऊंगा।
मेरा देश स्वाधीन है मै
अपना फर्ज निभाऊंगा।
बृजकिशोरी त्रिपाठी
गोरखपुर यूं,पी
[29/08, 12:48 pm] Anita झा /रायपुर: नमन अग्नि शिखा मंच
विषय -*स्वाधीनता*
आओं बच्चों तुम्हें सुनाऊँ
स्वाधीनता की अमर कहानी
ऐ हिंदुस्तान ऐ हिन्दुस्तान हमारा है
आज़ाद का आज़ादी ही नारा था
शीष चन्द्र विराजें शेखर ललाट था
आज़ाद का आज़ादी ही नारा था
वतन पर मर मिटने वालों शान था
ऐ हिंदुस्तान ऐ हिन्दुस्तान हमारा है
आज़ाद का आज़ादी ही नारा था
तिरंगा प्यारा हमारी शान हैं
हमको हिन्दुस्तान से प्यार हैं
वतन पर मर मिटने वालों की ,
अपनी ज़बानी अपनी कहानी है
आज भी देशप्रेम की अमर कहानी
अमर उजाला बन गूँज रही हैं
वीर शहीदों की अमर कहानी
देशभक्ति से राष्ट्रभक्त कहलाते थे
सुखदेव ,भगतसिंह ,आज़ाद
राजगुरू शिष्य बन जवान खड़े थे
अपनी अपनी गाथाओं इतिहास
से भारत तिरंगे की शान लिये
आसमान की उड़ान थी
आओ मिलकर सीख सिखायें
आज़ादी की अमर कहानी
विश्वबंधुत्वता विश्वशान्ति
मानवता का पाठ सिखायें
जन जन में विश्वास जगाया
चलाया स्वतंत्रता आंदोलन था
स्वयं का स्वयं से परिचय था
आज़ाद जिनका नाम था
*स्वाधीनता* पिता का नाम
अपना घर जेल बताया था
जिसकी जीवन संग़नी आज़ादी थी
गुरूद्रोणाचार्य भारतमाता थी
देशभक्ति अचूक निशाना
खुद पर चला अमर देशभक्त कहलायें थे
अनिता शरद झा रायपुर छत्तीसगढ़
[29/08, 1:01 pm] वैष्णवी Khatri वेदिका: सोमवार /29//8/2022
आज का / स्वाधीनता बाल गीत
माँ तिरंगा मुझको दिला दे।
मैं जन गण मन गाऊँगा।
देश पर मर मिटने वालों पर मैं,
अपना शीश झुकाऊँगा।।
बर्दी चश्मा टोपी ले दे,
मैं सुभाष बन जाऊँगा।
झाँसी की रानी मैं बन कर,
ठिकाने दुश्मन लगाऊँगा।।
जोश रगों में भर दे मेरी,
यहाँ मैं भगत बन जाऊँ।
हित भारत के हँसते-हँसते।
मैं फाँसी गले लगाऊँ।
सह कृपाण घोड़े पर चढ़कर,
दुश्मन मार भगाऊँगा।
उनको मार गिराऊँगा या,
आत्मदान कर जाऊँगा।
देशहित सभी काम करेंगे,
तो उन्नत हो जाएगा।
कमियाँ दूर भगा के सारी,
ये भवगुरु कहलायेगा।।
वैष्णोखत्रीवेदिका
जबलपुरमध्यप्रदेश
[29/08, 1:19 pm] विजेन्द्र मोहन बोकारो: मंच को नमन
*माँ शारदे को नमन*
विधा:-- *बालगीत*
शीर्षक:-- *स्वाधीनता*
आज स्वाधीनता के अमृत महोत्सव मनाए।
हर घर में तिरंगा लहराए।
सब मिलकर खुशी के गीत गाए।
अपने देश का सम्मान बढ़ाएं।।
जान से हमको तिरंगा है प्यारा। ऊंचा सदा रहे तिरंगा हमारा।
भारत माता की शान है तिरंगा।
भारत लगता है तिरंगे से न्यारा।।
हर कदम में दुश्मनों को धूल चटाए।
जवान वीरो ने कसम खाई पीछे कभी न हटे गा मेरा कदम।।
तीन रंगों से सजा तिरंगा कितना प्यारा।
जिस के निचे चलता है भारत सारा।।
*मेरा देश स्वाधीन है हमें प्राणों से प्यारा है!!*
विजयेन्द्र मोहन।
[29/08, 2:59 pm] कुंवर वीर सिंह मार्तंड कोलकाता: 🌺सोमवार /29//8/2022
🌺समय - सुबह ८ से शाम ७ बजे तक
🌺 आज का / स्वाधीनता
🌺 बाल गीत
स्वाधीनता की गाथा, तुमको सुनाए बच्चो।
कैसे मिली थी हमको, सबकुछ बताएं बच्चो।
पहले मुगल यहां थे, अंग्रेज आए पीछे
सबने ही हमको लूटा, हमको गिराया नीचे।
फिर एक समय आया, हमने भी सिर उठाया
छोड़ो हमारा भारत, ये फैसला सुनाया।
झांसी की रानी आई, ले हाथ में दुधारा।
झांसी तुम्हें देंगे, अधिकार ये हमारा।
वह वीर पांडे मंगल, गोरों को खल रहा था।
अब क्रांति की अग्नि में सब देश जल रहा था।
फिर गांधी बाबा आए, हथियार ले अहिंसा।
कुछ क्रांति बीर आए, बढ़ता ही गया किस्सा।
थे राज गुरु भगत संग बिस्मिल औ वीर शेखर।
आए सुभाष आगे आजाद हिंद लेकर।
नब्बे बरस चली ये स्वाधीनता लड़ाई।
पंद्रह अगस्त के दिन आजादी हमने पाई।
स्वाधीनता की सालें पूरी हुई पचहत्तर।
पालन किया महोत्सव हमने भी खूब डटकर।
स्वाधीन आज हैं हम बच्चो ये ध्यान देना
गफलत में कभी पड़कर, आजादी खो न देना।
© कुंवर वीर सिंह मार्तंड,कोलकाता
[29/08, 3:05 pm] ओम 👅प्रकाश पाण्डेय -: स्वाधीनता ( बालगीत) --- ओमप्रकाश पाण्डेय
सब देशों से निराला अपना
है प्यारा भारत देश हमारा
है आज आजाद देश हमारा
है जन गण मन गीत हमारा....... 1
शान से फहराता तिरंगा झंडा
हम सब का पहचान तिरंगा झंडा
देश का है शान तिरंगा झंडा
घर घर फहराता तिरंगा झंडा....... 2
अब खुद के हैं भाग्यविधाता हम
नहीं किसी से डरने वाले हम
नहीं किसी को कभी डराते हम
गर्व से सर ऊंचा कर रहते हम........ 3
सैनिक सरहद की रखवाली करते
दुश्मन को मुहतोड़ जबाब देते
किसी की हिम्मत नहीं दुनिया में
नज़र उठा कर हमारे देश को देखे......... 4
स्वाधीनता की रक्षा करना
है एक पावन धर्म हमारा
अधिकार देश का हम सब पर है
अपना कर्तव्य निभाना सबका धर्म है......... 5
( यह मेरी मौलिक रचना है ---- ओमप्रकाश पाण्डेय)
29.08.2022
[29/08, 3:22 pm] आशा 🌺नायडू बोरीबली: ( बाल गीत )
*******************
🇮🇳 स्वाधीनता 🇮🇳
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
स्वाधीनता हमारा, जन्मसिद्ध अधिकार है।
इसकी रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है,
सिर्फ रक्षा ही नहीं, इसकी उन्नति करना, विकास पथ पर अग्रसर होना भी, हमारा परम कर्तव्य है।
अपने स्वाधीनता की, रक्षा हेतु, भाईचारा भी है जरूरी, मिल कर रहे प्रेम से, एक दूजे का दुःख बांटें, खुशियों में शामिल हों, खूब आनंद मनावे़,।
अपने वीर शहीदों को याद करें उनकी कुर्बानी पर गर्व करें उन्हें ही जैसे श्रद्धा सुमन अर्पित करें अपने बच्चों को उनकी कुर्बानी की कथा सुनाएं देश प्रेम की जो जलाएं आओ मिलकर स्वाधीनता का पर्व मनाए तिरंगा लहराए उसके गीत गाए तिरंगे के आगे नतमस्तक हो जाएं।
[29/08, 3:37 pm] ब्रज किशोरी त्रिपाठी: अग्नि शिखा मंच
२९-८-२०२२
बिषय बाल गीत
स्वाधीनता।
मेरा देश स्वाधीन है,
हमे प्राणों से प्यारा है।
हम हैं इसके सीमा प्रहरी।
रक्षा का काम हमारा है।
इसके तरफ दुश्मन आंख,
उठाए उनका आंख फोड़ बहा दुंगा।
भारत माता के हित अपना,
प्राण गंवा दुंगा।
एक इंच भूमि किसी को, नहीं हड़पने दुंगा मै।
मातृभूमि के माथे पर अपने
रक्त का टीका लगाऊंगा।
मां मैं सैनिक स्कूल में पढ़ने,
जाऊंगा ।
पढ़ लिख कर मैं सेना में,
अफसर बन जाऊंगा।
अफसर बन कर सबसे,
पहले पाक को मज़ा चखाऊंगा।
तन मन धन साराअपना,
देश पर चढ़ा दूगा।
मैं सहीद भगत सिंह,
राजगुरू सुखदेव को,
अपना शीश झुकाऊंगा।
मां मैं पढ़ने सैनिक स्कूल,
में जाऊंगा।
पढ़ लिख कर सेना में अफसर बन जाऊंगा।
मेरा देश स्वाधीन है मै
अपना फर्ज निभाऊंगा।
बृजकिशोरी त्रिपाठी
गोरखपुर यूं,पी
[29/08, 3:53 pm] आशा 🌺नायडू बोरीबली: (बाल गीत)
************
🇮🇳स्वाधीनता 🇮🇳
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
स्वाधीनता हमारा , जन्म सिद्ध अधिकार है।
इसकी रक्षा करना, हमारा परम कर्तव्य है, सिर्फ रक्षा ही नहीं, इसकी उन्नति करना, विकास पथ पर , अग्रसर होना भी , हमारा परम कर्तव्य है।
अपने स्वाधीनता की, रक्षा हेतु,
भाईचारा भी है जरूरी , मिल जुल कर, सभी रहे प्रेम से, एक दूजे का दुःख बांटें, खुशियों में शामिल हों, खूब आनंद बनाएं।
अपने वीर शहीदों को, याद करें , उनकी कुर्बानी पर गर्व करें, उन्हें हृदय से ,
श्रद्धा के सुमन चढ़ाएं।
अपने बच्चों को, उनकी कुर्बानी की, कथा सुनाएं , देश प्रेम की ज्योत जगाएं।
आओ मिलकर , स्वाधीनता का पर्व मनाए, श्रद्धा से तिरंगा लहराए, उसके गीत गाए।
तिरंगे के आगे, नतमस्तक हो, श्रद्धा से, श्रद्धा के सुमन चढाएं।
******************
डॉ.आशालता नायडू.
मुंबई. महाराष्ट्र.
*******************
[29/08, 4:37 pm] निहारिका 🍇झा: नमन मंच
अग्निशिखा
विषय:--स्वाधीनता
दिनाँक;-29/8/2022
टूट जाएंगी बेड़ियां सारी
दास्ताँ का अंत होगा
स्वाधीनता का पहन के जामा
भारत फिर मुस्कायेगा।
यह संकल्प लिया लाल ने
खतरों को तक मोल लिया
बांध कफ़न वह सर पर अपने
माँ पर जान निसार दिया।
उन सबके ही तप के कारण
देश ये आजाद हुआ
है आजाद वतन हमारा
उन्नति पथ पर सदा चले
अपनी क्षमता से बढ़कर वह
विश्व गुरु कहलायेगा।
यही कामना जन जन की है
वतन सदा आजाद रहे
आजाद रहे आबाद रहे।
निहारिका झा
खैरागढ़ राज.(36 गढ़)
[29/08, 4:47 pm] Dravinasi🏆🏆: अग्नि शिखा मंच दिनांक 29/ 8 /2022 सोमवार आज का विषय। स्वाधीनता बाल गीत। मिल जुल के बच्चे खेले। बातन में मिसरी घोले।। पराधीनता घातकहोये।। सुखी रहें ना सब रोये।। स्वाधीनता अच्छी होये। अच्छेकाम करेना खोये।। भेदभाव अब तज देवे। नीति रीति सत गह लेवे।।तभी बनेगे काम सभी। प्रेम भाव ना हटे कभी।। खुद संग देश का होय विकाश।नाही कोई फिरें हताश।। ना गलती परपे ठेले। मिल जुल के बच्चे खेले। डॉ देवीदीन अविनाशी हमीरपुर उप्र
[29/08, 4:59 pm] रवि शंकर कोलते क: पाई स्वाधीनता देकर
शहीदों ने कुर्बानी
हर कदम पर फिरंगो को
है पिलाया पानी।।१
देढसौ साल भारत पे
राज किय अंग्रेजों ने
खूब लूटा भारत को
कर् गए वो हानी ।।२
आजाद भारत की अब
हम करेंगे निगरानी ।
भारत मां को बचाने
हम देंगे अपनी कुर्बानी ।।३
हमें समझकर कमजोर
दुश्मन न करे नादानी ।।
हम शांतिके पथ चलने वाले
वक्त आया तो देते कुर्बानी ।।४
प्रा रविशंकर कोलते
नागपुर
[29/08, 5:36 pm] पुष्पा गुप्ता / मुजफ्फरपुर: 🌹🙏अग्नि शिखा मंच
विषयः स्वधीनता
बालगीत
दिनांक:29/8/22
======================
स्वाधीनता हमें है
जान से प्यारी--
इसे हम सदा ,
अक्षुण्ण रखेंगे ,
प्राणो की बाजी
देकर भी हम
इसे बरकरार रखेगे ।
स्वधीनता है तभी
आजाद है वतन
कितना खुशनुमा है
भारत का चमन ।
इसमे है,लहराये तिरगा
सजता फूलों से उपवन।
==================
स्वरचित एवं मौलिक रचना
रचनाकार-डॉ पुष्पा गुप्ता मुजफ्फरपुर बिहार
[29/08, 5:46 pm] मीना कुमारी परिहारmeenakumari6102: स्वाधीनता
*****************
लहर -लहर लहराये तिरंगा
आओ स्वाधीनता दिवस मनायें
यह है मेरा तिरंगा प्यारा
हमको है जान से प्यारा
आओ झण्डे को दें सलामी
नहीं चाहिए अब गुलामी
झण्डे ने देश का मान बढ़ाया
तीन रंगों से प्रेम बढ़ाया
देश की शान तिरंगा
केसरिया त्याग का पाठ पढ़ाता
सफेद रंग शान्ति का संदेश देता
हरा रंग हर हाल में खुशियां देता
कहता है यह चक्र हमारा
कदम कभी न रुकेगा
आओ सादर नमन करें
हम उन वीर जवानों को
जिसने जान की बाजी लगा
आजाद कराया भारत को
याद करें हम उन नौनिहालों को
जिसने मातृभूमि के लिए किया
अपना जान भी न्योछावर
डॉ मीना कुमारी परिहार
[29/08, 6:21 pm] सुरेन्द्र हरडे: * अग्निशिखा मंच को नमन
आज की विधा*बालकविता*
विषय *स्वाधीनता*
मानव हो या पशु पक्षी
सबको चाहिए आजादी ।
स्वाधीनता पाई है हमने
लाखों कुर्बानियां जब है दी ।।१
बाल वीरो ने भी मां भारती की
सेवा बहुत की है
खेलने कुदने की उम्र में
लहू बहा कर तोड़ी बेडी़ है ।।२
लाल बाल पालने खुब की लडाई
तिरंगे को फहराने के लिए
तन मन धन लुटाया हमने
फिरंगों को भगाने के लिए ।।३
अब है हमारी जिम्मेदारी बच्चों
आजादी को बचाने की
वक्त आया अगर लड़ने का
तो तैयारी रखो खून बहाने की ।।४।।
दुश्मन जलता है आज भी
उसकी बुरी नजर है हम पर
लड़ेंगे और विजय पाएंगे
हम वंदे मातरम कहकर ।।५।।
सुरेंद्र हरडे कवि
नागपुर
दिनांक २९/०८/२०२२
[29/08, 6:31 pm] डा. अंजूल कंसल इन्दौर: अग्निशिखा मंच
विषय -स्वाधीनता (बाल कविता)
मां एक तिरंगा मुझे ला दे
मैं सैनिकों को सलाम करूंगा
जन गण मन राष्ट्रगान गाऊंगा
लहर- लहर आसमां में लहराऊंगा।
मां खादी कपडे, चश्मा ला दे
मुझे मोहनदास गांधी बना दे
हाथ में लाठी, घुटने तक धोती
पहनकर मैं गांधी बन जाऊंगा।
माँ मुझे सफेद कुर्ता पजामा ला दे
चाचा नेहरू बनाकर गुलाब लगा दे
मैं देश का पहला प्रधानमंत्री बनूंगा
अवश्य बाल दिवस घोषित कर दूंगा।
मां मेरी बड़ी बड़ी मूँछें बना दे
हाथ में तलवार,राणा प्रताप बनूंगा
चेतक जैसा बहादुर घोड़ा ला दे
दुश्मन के दांत क्षण में खट्टे कर दूंगा
स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मनाऊंगा।
डॉक्टर अंजुल कंसल "कनुप्रिया"
29-8-22
[29/08, 6:39 pm] रानी अग्रवाल: बालगीत_ स्वाधीनता
२९_८₹२०२२, सोमवार।
मां तुमने मुझे कहानी सुनाई,
अंग्रेजों की जुल्मी हुकूमत बताई
किए हम पर कितने अत्याचार,
हर तरह से लूट देश किया बेकार
फिर भारत मां के लालों ने,
लड़ी आजादी की लड़ाई,
गोरे चमड़ी के फिरंगी को,
उसकी औकात बतलाई।
उनसे लोहा लिया,
किया उनका घमंड चकनाचूर,
फिर वापस खदेड़ दिया,
पहुंचाया उनके देश दूर।
अब प्राणों से प्यारी हमें,
अपनी ये स्वाधीनता,
नहीं" परवड़ती"
किसी कीमत पर पराधीनता।
धर्म हमारा इसकी सुरक्षा करना,
शत्रु की बुरी नजर से बचाना ।
देश के लिए जीना,
देश के लिए मरना,
दे देनी है कुर्बानी,
मां तुम्हारी कसम लेकर,
कहती है यही ये " रानी"।
स्वरचित मौलिक बालगीत____
रानी अग्रवाल,मुंबई।
[29/08, 7:17 pm] Chandrika Vyash Kavi: नमन मंच
दिनांक-: 29/8/2022
विषय -: स्वाधीनता(बाल कविता)
मां हर वर्ष स्वाधीनता दिवस है आता
हर बच्चा गीत खुशी के गाता
मैं भी सदा यही कहता हूँ मेरा देश महान!
अपने अपने देश का
सब करते हैं बखान
मेरा देश यही कहे
मेरा भारत है महान!
एकता में अनेकता देखे
भूल जाति भेद-भाव
ईद, दीवाली साथ मनाये
ऐसा मेरा हिंदुस्तान
मेरा देश यही कहे
मेरा भारत है महान!
गुरूओं और पीरों की धरती
साधु संतों की गाथा कहती
वीर और योद्धाओं की गाथा
घर घर पर सुनायी जाती
ऐसा मेरा हिंदुस्तान
मेरा देश यही कहे
मेरा भारत है महान !
धरती माता की माटी से
करते मस्तक पर तिलक
आंच ना आने देते अपनी
धरती माता के सम्मान पर
ऐसा मेरा हिंदुस्तान
मेरा देश यही कहें
मेरा देश है महान !
चंद्रिका व्यास
खारघर नवी मुंबई
[29/08, 7:26 pm] 💃rani: धुन-- बच्चों तुम्हें दिखाएँ झांकी हिंदुस्तान की
फिल्म---जागृति
अग्निशिखा मंच
विषय ---स्वाधीनता-- बाल कविता दिनांक--- 29-8-2022
आओ बच्चों तुम्हें बताएँ बातें हिंदुस्तान की
इस धरती को नमन करो यह धरती है बलिदान की
वंदे मातरम वंदे मातरम..........।
इस मिट्टी से भगत सिंह ने माथे तिलक लगाया था
इंकलाब और जिंदाबाद का नारा लगाया था
जनता के मन में आजादी का जोश जगाया था
मैदान-ए-जंग में वो कफन बाँध के आया था
चूम लिया था उस रस्सी को लिया जिसने उसकी जान ली
इस धरती को नमन करो यह धरती है बलिदान की
वंदे मातरम वंदे मातरम..............।
सुभाष चँद्रबोस भी आए जंग के मैदान में
खून के बदले आजादी दूँगा लाए थे पैगाम में
चंद्रशेखर, गंगाधर,जवाहर भी थे मैदान में
अंग्रेजों के मुँह से न सुने कुछ भारत की शान में
इन नेताओं ने संभाली आजादी की कमान थी
इस धरती को नमन करो यह धरती है बलिदान की
वंदे मातरम वंदे मातरम..........।
गांधी जी भी सपना लेकर आए थे आजादी का
अहिंसा का मार्ग उनका स्वदेशी का नारा था
अंग्रेजों को थी धूल चटाई जब उतरे मैदान में
देने वालों ने दे दी कुर्बानी भारत की शान में
जब आई थी बात भारत के मान की
इस धरती को नमन करो यह धरती है बलिदान की
वंदे मातरम वंदे मातरम..........।
रानी नारंग