*हास्य मनहरण घनाक्षरी*
बालीबुड का असर
पिताजी को डेड कहे,
माता अब मोम बनी,
*पश्चिम का दौर है।*
आधी रात ड्रिंक चलें,
सुबह गर्ल फ्रेंड मिले,
बॉयफ्रेंड हसबेंड,
*बातें रसबोर है।*
सभ्यता गए है भूल
परिधान प्रतिकूल
फटे जींस पैंट हाफ
*शर्ट शार्ट शोर है।*
प्रतिभा शरमाय रही,
सबको समझाय रही।
मानता नहीं है कोई,
*ऐसे बरजोर है।*
प्रतिभा जैन
टीकमगढ़ मध्यप्रदेश