दो अक्टूबर पर
आओ याद करें - अलका पाण्डेय
आओ आज याद करे
बापू के बलिदानों को
सत्य अंहिसा की लाठी से
खादी वाली धोती से
अंग्रेज़ों को ललकारा था
देश प्रेम जगाया था
देश का बच्चा बच्चा जाग उठा था
बापू के क़दमों से कदम मिला चूका था
भारत माँ की रक्षा का , लिया गया था प्रण
माँ को आजादी करायेगे
जान पर खेल जायेंगे
बापू
की सत्य अंहिसा की बाते
आओ आज याद करे गांधी की बातें
घर घर में चरख़ा पहूचाया
चरखे के ताने बाने से सूत बनाया
खादी की इस क्रांति से
घर घर में खुशहाली आई
हिंदू - मुस्लिम- सिख - ईसाई
सबको आपस में गले मिलाया
एकता का रहस्य समझाया
गांधी की शांति और अमन से
डर गये सभी फिंरगी
नई चाल वो चलने लगे
घात पर घात करने लगे
फूट डाल शासन करने लगे
बापू का तब सर चकराया
यह रहस्य उन्हें जब समझ आया
भारत का नया इतिहास रचा
उठाई सत्य अहिंसा की लाठी
सत्याग्रह पर बैठ गये
काँप उठे तब सारे फ़िरंगी
सत्य प्रेम का पथ अपना कर
घर घर नव प्रकाश फैलाकर
बापू तुमने आजादी दिलाई
आओ आज याद करे
बापू के बलिदानों को
अलका पाण्डेय - मौलिक
🟤🟤🟤🟤🟤🟤🟤🟤🟤🟤🟤🟤🟤🟤🟤
[04/10, 9:02 am] 👑सुषमा शुक्ला: विधा कविता🌹 महात्मा गांधी,,,,
सत्य अहिंसा के प्रतीक हे। प्रश्नों के उत्तर सटीक हैं।
आतंकी तुमसे हारे,,,
यही तुम्हारी जीत,,,
सारे भारत को ही तुमसे प्रीत🙏
धोती लाठी लेकर लड़े ,
यही शस्त्र बहुत हैं ।
बड़े-बड़े फिर हार गए,,
,,तुझसा ना कोई समर्पित हे।
🙏
है देश के वीर निर्माता,,,
ना कोई अभिमान। साधारण से दिखने वाले,, बापू तुम्हें प्रणाम🙏
देश को आजाद कराया,,
विश्व बंधुत्व को लक्ष्य बनाया।
फिरंगी को दूर भगाया ,,
तूने अपना देश बचाया।🙏
संत फकीरों से थे बापू,,
हिंसा के सागर में ।
लाठी लेकर चले तो,,
बापू नाम था उनका वीरों में🙏
करुणा का सागर थे ,,बापू,, जैसे सागर में टापू।
युग प्रवर्तक थे ,,बापू,,
ऐसी मशाल जगाई।
आज हिंदुस्तान को देखो,,
कैसी धूम मचाईl
स्वरचित,,, सुषमा शुक्ला
[04/10, 9:39 am] Nirja 🌺🌺Takur: बापू हम सब आपको भूल रहे क्यूं
धूमिल हुए बलिदान आपके क्यूँ
नीति आपकी पुरानी लगने लगी सबको
नाथूराम गोडसे ठीक लगने लगे सबको
अधिकांश नेता घर अपना भर रहे।
अपने नाती पोतो को गद्दी दे रहे।
जिनके बेटे हमेशा विपन्न रहे
जो धोती और एक लाठी के साथ रहे
उन बापू को सब गलत समझ रहे क्यूँ
नीरजा ठाकुर नीर
पलावा डोंबिवली
महाराष्ट्र
[04/10, 10:08 am] Anita 👅झा: महात्मा गांधी
“स्वतंत्रता बापू की अमर कहानी “
आओ बच्चों तुम्हें दिखाये ,
स्वतंत्रता की अजब ग़ज़ब ये गाथायें हैं
बापू की ये अमर कहानी
नोटो की हरियाली में आज भी छाये रहते हैं !
आओ बच्चों तुम्हें दिखाये ,
आज़ादी बलिदानो की ये सुंदर गाथा !
अपनी माता से बढ़ कर थी ,
मातृभूमि की रक्षा ऐसे वीर जवानो की ये गाथा है !
भारत की माताओं ने इतिहास रचा था
मूल संस्कार भारतमाता की शिक्षा थी !
पढ़ते हो ,आज भी तुम सब ,
कर्मठ अडिग वीरों की सच्चाई
अच्छाई की निर्मल गाथा
मानचित्र मूक बधिर खड़ा हैं
रेखाओं से अंकित इनकी गाथायें है
सीमाओं पर डटे देख रहे है इनकी गाथायें !
अपना भी कुछ ज्ञान देख बढ़ाओ !
अपनी गाथा से माँ बहनो की लाज बचाओ , संस्कार अभी भी ज़िन्दा हैं !
स्वतंत्रता की आन में ,
जान की बाज़ी लगा कर
दूध का क़र्ज़ निभाया था ! बापू के
तीन ही बन्दर ,सत्य ,अहिंसा ,परमोधर्म
चौथा बन्दर लक्ष्य गाथा संग साथ रहेगा !
बापू की दैनंदिनीय जीवनसंग़नी साथ चलेगी !
सात वचन फेरे ले क़समें खाई
!सादा जीवन उच्य विचार !
आज़ादी की प्रथम लड़ाई ,
थका नहीं था मन मरा नही था !
बढ़े क़दम हर क़दम में साथ चले थे !
मिल गई आज़ादी थी ,बिना खडग ढार के मानवता का पाठ सिखाया !
बापू की सुन्दर डायरी
इतिहास बना साकार खड़ा हैं !
जनता के जंत्तर मत्तर में आज भी बापू के सिद्धांत बन खड़े हैं !
बापू ने इतिहास बनाया कमज़ोर नही
लाचार नही मीठी उनकी वाणी थी !
स्वत्रंतता का बिगुल बजा तिरंगा फहराया था
देशहित राष्ट्रहित उत्साह जगाया !
दो अक्टूबर दो माताओं के लाल
का जन्म दिवस है आया
आधुनिक भारत माता का लाल था
मितव्यता शिक्षा साकार रूप दिया
संकट की वो विषम घड़ी थी
देश जगाने आया था
जय जवान जय किसान नारा दिया था
देश की आन बान शान में
मौत को गले लगाया था
कुछ याद उन्हें भी कर लो
जो लौट के घर ना आये थे
स्वतंत्र भारत के इतिहास में बापू ,शास्त्री
अमर गाथा क़ुर्बानी है
अपनी अलग पहचान बनाई थी !
साथ दिया कस्तूरबा ने अर्धागनी बन संग साथ रहेंगे !सादा जीवन उच्य विचार !
आज़ादी की प्रथम लड़ाई ,
थका नहीं था मन मरा नही था !
बढ़े क़दम हर क़दम में साथ साथ चले थे !
मिल गई आज़ादी थी ,बिना खडग ढार के मानवता का पाठ सिखाया !
बापू की सुन्दर डायरी इतिहास बना साकार खड़ा हैं !
जन मन के जंत्तर मत्तर में आज भी बापू के सिद्धांत बन खड़े हैं !
बापू ने इतिहास बनाई लाचार नहीं कमज़ोर नहि मीठी उनकी वाणी थी !
स्वत्रंतता का बिगुल बजाया तिरंगा फहराया देश हित राष्ट्रहित जन मन उत्साह जगाया !
श्रीमती अनिता शरद झा आद्या
[04/10, 10:12 am] वीना अचतानी 🧑🏿🦽: वीना अचतानी
मंच को नमन
विषय ***महात्मा गांधी ****
सत्य, अहिंसा, असहयोग,अनशन
बेजोड़ शस्त्र ले हाथ में
कूद पड़े बापू रण में
एक लाठी के दम पर
अंग्रेजों को भगाया
चर्खे के दम पर देश को
आत्मनिर्भर बनाया
सत्याग्रह के पथ पर
चलकर देश को
आज़ाद कराया
छुआ-छूत का भेद
मिटा कर समानता
का पाठ पढ़ाया
राष्ट्रपिता तुम कहलाये
सभी प्यार से कहते बापू
अहिंसा का पुजारी
सत्य की राह दिखाने वाला
इमान का पाठ पढ़ा गया हमें
वो आज़ादी का मतवाला
बिन हथियार लड़े वो
दान्डी यात्रा स्वच्छता
नमक आन्दोलन की
करी अगुवाई
कर्म धर्म का पाठ पढ़ाया
चर्खा चला के सूत बनाया
राष्ट्रपिता का सम्मान मिला
रोशन भारत का नाम किया
अब तो बापू का सपना सच
कर दिखाना है भारत को
स्वच्छ बनाना है।।।।
वीना अचतानी
जोधपुर ।।।
[04/10, 10:28 am] निहारिका 🍇झा: नमन अग्निशिखा मंच
विषय;-गाँधीजी
दिनाँक;-4/10/2021
राष्ट्र पिता महात्मा गाँधीजी को आदरांजलि स्वरूप चंद पंक्तियां निवेदित।।
🌹 गाँधीजी🌹
सत्य की मिली सीख
माँ से जिस सन्तान को।
मार्ग था कठिन भले
फिर भी उस पे वो चले।
हिंसा व बुराई को
जीवन से दूर किया।
संयम व तप को
खुद में समाहित किया
अहिंसा के अस्त्र से
देश को आजाद किया।
है ऋणी हिंदुस्तान
उनके योगदान का
आज है जन्मदिवस
उन "बापू "महान का।
उनकी सीखों पर चलें
ये संकल्प आज लें ।
संयम तप, अहिंसा को
जीवन मे शामिल करें।
💐💐👏👏 श्रीमती निहारिका झा
खैरागढ़ राज.(छ. ग.)
[04/10, 10:32 am] शुभा 👅शुक्ला - रायपुर: मेरे बापू
—————-
राष्ट्र पिता भारत की शान
महात्मा गाँधी व्यक्तित्व महान
सत्य अहिंसा सत्याग्रहों से
झुकवाए दुश्मन शैतान
अँग्रेजों का क्रूर प्रशासन
भारतियों का बेबस हाल
ग़ुलामी की बेड़ियाँ पहने
मजबूर माँ बाप,और औलाद
फूट करो और राज करो
अँग्रेजो की ये कूट नीति थी
बेइमानो और गद्दारों की
अपने यहाँ भी कमी नही थी
कई जयचंद बैठे हुये थे
अँग्रेजों से हाँथ मिलाकर
बने विभीषण कई राजा
शत्रु को गुप्त राज बताकर
स्वार्थी और मक्कार लोगो के
कारण हमने बेपनाह दुख पाया
गाँधी जी के सत्याग्रहों ने
फिर हमको स्वराज दिलवाया
वीर नारायण माधव सप्रे ने ,
देश हित अपनी जान गवाँ दी
भगतसिंह लक्ष्मी बाई ने
इस क्रांति को और हवा दी
क्राँतिकारियों का अपना तरीका
गाँधी जी का अनोखा सलीका
प्रेम से पहले समझाते थे
फिर सत्याग्रह अपनाते थे
पैदल दाँडी यात्रा कर
लोगो को अपने साथ कर लिया
और हम ने उस विषम वक्त मे
सच्चा नेता पा ही लिया
देशवासियों को स्वतंत्र
जीने का मार्ग तुमने दिखाया बापू
सत्य अहिंसा के सिद्धांतो से
जन जन को प्रेम करना सिखाया बापू
सौ सौ बार नतमस्तक होकर
आज तुमहे हम करते याद
आप ना होते भारत मे तो
होता कहाँ भारत साम्राज्य
अपनी जान गँवाकर तुमने
देश को आजादी दिलवाई
हे राम कहकर के अंत में
ईश भक्ति भी दिखलाई
आज आपकी क़ुरबानी पे क्यों
प्रश्चिंह लग रहे हैं बापू
अपने वस्त्र तक त्यागने वाले, आपके
चरित्र पे दाग़ क्यों लग रहे है बापू
अच्छा हुआ ये दिन देखने से पहले
तुम यहाँ से चल दिए थे बापू
वरना ख़ुद पे ऐसे लांछन
कभी सहन ना कर पाते बापू
सारी श्रृद्धा लुप्त हो चुकी
भ्रमित हो जनता क्षुब्ध हो चुकी
आज अगर तुम जीवित होते
तो ख़ुद को हि गोली मार लेते बापू
खुद को ही गोली मार लेते बापू
मेरे बापू मेरे बापू
जय हिन्द जय भारत
जय राष्ट्र पिता
शुभा शुक्ला निशा
रायपुर छत्तीसगढ़
9826635678
[04/10, 10:40 am] वैष्णवी Khatri वेदिका: अ. भा. अग्निशिखा मंच
सोमवार 4//10/ 2021
आज का विषय_ महात्मा गांधी
आओ मिल-जुल कर हाथ बटाएँ
स्वच्छता वर्ष मनाना है
गाँधी जी के सपने हेतु, मोदी जी,
का साथ निभाना है।
कैसी है ये विडम्बना विदेशी,
यहाँ आते बारम्बार
यहाँ की गंदगी को भुनाते,
और करते इसका तिरस्कार,
अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है,
देश को पूरी तरह महकाना है
गाँधी जी के सपने हेतु,
मोदी जी, का साथ निभाना है
आज हम खाएँ कसम,
इसे स्वच्छ ,और सुंदर बना देंगे।
हम मिल-जुल कर, तन्मयता से,
मन पूरी तरह लगा देंगे।
अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है,
सब को जागरूक बनाना है,
गाँधी जी के सपने हेतु,
मोदी जी, का साथ निभाना है
यदि यह पहले अपनाया होता
तो सुंदर होता मेरा देश
नदियाँ गाँव शहर की स्वच्छता में
अग्रणी होता मेरा प्यारा भारत देश
अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है
तन मन से हमको जुट जाना है,
गाँधी जी के सपने हेतु,
मोदी जी, का साथ निभाना है
श्रीमती वैष्णो खत्री
से. नि. शिक्षिका
केंद्रीय विद्यालय क्र.1छिन्दवाड़ा
[04/10, 11:05 am] 💃rani:
अग्निशिखा मंच
विषय--- महात्मा गांधी
दिनांक--- 4-10 -2021
... महात्मा गांधी
2 अक्टूबर को जन्मे गांधी
पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी
सत्य अहिंसा की डगर पर चलना
ऐसी राह दिखा गए
बुरा ना देखो
बुरा ना सुनो
बुरा ना कहो
एक जीवन पाठ पढ़ा गए
ईश्वर अल्लाह तेरो नाम
सबको सुमति दे भगवान
गाकर गीत प्रभु का
साबरमती के संत कहा गए
करुणामई, दयालु ह्रदय था उनका
दीन दुखियों की सेवा
करना सिखा गए
चरखे से ताना-बाना
बुनकर श्रम करना
सिखला गए
सत्य अहिंसा से ही
क्रांति की अलख जगाई
एक लाठी के दम पर
अंग्रेजों की जड़े हिलाई
विपत्तियों से डर कर
नहीं भागना पर
हिंसा से भी कुछ
हाथ ना आए
सादा जीवन उच्च विचार
कथनी करनी में
अंतर ना आया
जात पात छुआछूत को
नहीं मानना मानवता
का पाठ पढ़ाया
सब बड़ों को सम्मान
देना है छोटो से प्यार
करना सिखलाया
अहिंसा की राह पर
ही तो चल कर
भारत को आजाद कराया
गांधी जी ने इन
गुणों के कारण
पिता का सम्मान
रविंद्र नाथ टैगोर से पाया
सब बापू जी
कहते थे इसी
सादगी के कारण "रानी"
राष्ट्रपिता कहलाए
और अंग्रेजों को
बाहर की राह दिखाकर
भारत को स्वतंत्र गुलामी मुक्त बना पाए ।
रानी नारंग
[04/10, 11:26 am] शेभारानी✔️ तिवारी इंदौर: महात्मा गांधी
________________
खादी पहन कर दी आजादी, स्वदेशी मंत्र लाया ,
पहले बापू फिर महात्मा ,राष्ट्रपिता कहलाया ।
अपना सर्वस्व किया समर्पित ,
देश के लिए ,
सत्य अहिंसा के बल पर, देश आजाद करवाया ।
ऊंच-नीच का भेद मिटाकर,
सबको गले लगाया ,
दया प्रेम अपना कर ,मानवता का पाठ पढ़ाया ,
वर्ण व्यवस्था तोड़ कर, दी धर्म की परिभाषा ,
आजादी के दीवानों में विश्वास जगाया ।
असंख्य वीरों ने दी कुर्बानी तब आजादी पाई ,
मुफ्त में नहीं मिली ,हमने इसकी कीमत चुकाई,
हंसकर फांसी पर झूले ,सीने में गोली खाई ,
तब तीन रंग की विजय पताका
गगन में है लहराई ।
देश में आतंक मिटा समाजवाद लाएं,
सत्य राह पर खुद चलें, औरों को चलना सिखलाएं,
विश्व बंधुता के आंगन में ,
शांति का पैगाम दें,
हर हाथों को काम देकर,
आत्मनिर्भर बनाएं।
गांधी जी के सपनों को साकार करें ,
आओ नव भारत का निर्माण करें,।
श्रीमती शोभा रानी तिवारी ,
619 अक्षत अपार्टमेंट ,
खातीवाला टैंक इंदौर मध्य प्रदेश मोबाइल 89894 09210
[04/10, 12:08 pm] कुंवर वीर सिंह मार्तंड कोलकाता: मेरे बापू चले आओ
चले आओ चले आओ, मेरे बापू चले आओ।
कहां हो तुम, यहां आओ, मेरे बापू चले आओ।
बताया तुमने वैष्णव जन, पराई पीर जो जाने
वहीं अल्लाह वही ईश्वर, सही है, हम अगर मानें।
तुम्हारा चश्मा तो प्यारा, मगर दृष्टि कहां वो है
तुम्हारे नाम से पथ है, तुम्हारा पथ कहां वो है।
तुम्हारा चित्र नोटों पर छपाकर है दिया ऑनर।
दिलों के पृष्ठ हैं खाली नोट कर लेते गर उन पर।
तुम्हारे हाथ की लाठी, पुलिस को है बहुत भायी।
तुम्हारी सर्व प्रिय गीता, कसम खाने के काम आयी।।
चढ़ाते फूल है तुम पर, समझते फूल है तुमको।
चरण की धूल लेते हैं, समझते धूल हैं तुमको।
इलेक्शन में पढ़ा पट्टी, वोट जनता का ले लेते।
बाद में भोली जनता को, कभी कुछ भी नही देते।
दिखाई राजनैतिक राह, आंदोलन करें कैसे
भूख हड़ताल सत्याग्रह, देश हित हम लडें कैसे।
मगर हम लड़ते आपस में, देश हित भूल जाते हैं
वतन से करके गद्दारी, दूध मां का लजाते हैं।
अतः हे बापू आ जाओ इन्हें सद्बुद्धि दे जाओ।
जरूरत फिर तुम्हारी है, स्वर्ग से फिर उतर आओ।
डॉ. कुँवर वीर सिंह मार्तण्ड, कोलकाता
[04/10, 12:17 pm] स्नेह लता पाण्डेय - स्नेह: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी
ज्योति पुंज बनकर चमके,
हर जुबाँ पे उनकी कहानी थी।
सत्य हिंसा के धुरंधर से,
अंग्रेजों को मुँह की खानी थी।
अद्भुत युद्ध किया बापू ने ,
लालची कुटिल अंग्रेजो से।
न बंदूक चली न तोप दगे,
छुड़ा दिए छक्के उनके।
साहस को लेकर साथ चले,
माता की लाज बचानी थी।
देह पर धोती हाथ में लाठी,
सिद्धांतो को अपनाया था।
जीवन अपना न्योछावर कर,
आज़ाद देश को कराया था।
कभी नहीं वे हिम्मत हारे,
चोट सभी सह जानी थी।
भारत माता के वीर सपूत,
परम शांति के अग्रदूत थे।
अभिमान जिन्हें छू तक न गया,
आराम हराम के हिमायती थे।
देश के थे दीप प्रज्ज्वलित,
सादगी जिनको प्यारी थी।
खादी का प्रचार प्रसार कर,
स्वावलंबन का पाठ पढ़ाया।
घर घर में कतने लगा सुत,
चरखा हर,घर,में पंहुचाया।
स्वच्छता के प्रबल समर्थक,
साथ देती कस्तूरबा गांधी थीं।
आज़ादी का बिगुल बजाया,
सुन भारतवासी बाहर निकले।
जाति-धर्म सप्रदाय भूलकर,
एका की डोर में बंधे चले।
आह्वान किया बापू ने जब,
वीरों ने दी बलिदानी थी।
कुर्बान हो गए देश प्रेम में।
पर अंग्रेजों के आगे झुके नहीं।
दुर्बल शरीर किन्तु संकल्प दृढ़,
बढ़ते चले कभी वे रुके नहीं।
वे एक कदम वे चार कदम,
बापू में भी क्या उस्तादी थी।
चाह उन्हें न सत्ता की न ही ,
गद्दी उनको प्यारी थी।
पर कुछ अक्ल के अंधों को,
बात नहीं ये सुहाई थी।
प्रार्थना सभा मे मारकर गोली,
खत्म कर दी जिंदगानी थी।
बापू तेरे जाने के दुख में
माँ भारती बहुत रोई थी।
आँसू थे हर आँखों में,
सृष्टि सुनसान हो गई थी।
पढ़ी जाएगी सदियों तक,
तेरी जो अमर कहानी थी।
स्नेहलता पाण्डेय 'स्नेह'
[04/10, 1:08 pm] रवि शंकर कोलते क: सोमवार दिनांक ४/१०/२१
विधा*****कविता
विषय *****
#**राष्ट्रपिता महात्मा गांधी**#
°°°°°°°°°°°°°°
सादा जीवन उच्च विचार ।
सात्विक तन-मन शुद्धाचार ।।
सत्य अहिंसा और प्रेम का,
दिया तुमने पैगाम
बापू तुम्हें कोटि-कोटि प्रणाम।।धृ
रामराज का ख़्वाब तुम्हारा ।
आज भी ना हो सका पूरा ।।
कक कण माटी का पुकारे ।
आओ लेकर जनम दोबारा ।।
बापू तुमने कहा था कि ,
आराम है हराम ।।१
गांधी नाम की आंधी ऐसी ।
के देश छोड़ भागे तिरंगे ।।
भारत माता मुस्कुराई जब ।
लहराए चारों दिशामें तिरंगे ।।
दिलाई आजादी हमें ,
बिना शस्त्र संग्राम ।।२
अजब तुम्हारा हौसला था ।
गजब था तुम्हारा दम खम ।।
सीने पर खाई हैं गोलियां ।
पर लबों पर था वंदे मातरम ।।
अंतिम सांस ली तुमने ,
मुखसे कहा हे राम ।।३
प्रा रविशंकर कोलते
नागपुर
#
[04/10, 1:26 pm] रजनी अग्रवाल जोधपुर: शीर्षक-"बापू" बाल गीत
1.हमारे बापू प्यारे बापू, महात्मा गांधी सबके बापू ,
करते हैं हम सबको प्यार ,
सत्य अहिंसा उनकी पुकार ,
आती रहती सबको याद ,
अपना काम स्वयं करते ,
सबको आत्म स्वावलंबन का ,
सिखाते रहते हैं वह पाठ ,
हमारे बापू प्यारे बापू,,,
2. जग से न्यारे भारत के सितारे ,
हम सब उन पर वारे ,
हैं चांद सितारे सारे , आओ उनको फिर , मिलकर आज पुकारे ,
एक लाठी के रहते सहारे ,
सात्विक खाना खाते फल फ्रूट दूध भी पीते ,
मीलों पैदल ही वह चलते ,
हमारे बापू प्यारे बापू,,,
3.दो अक्टूबर जन्म दिवस है ,
मिलकर गाए भजन उनके ,
रघुपति राघव राजा राम ,
पतित पावन सीता राम ,
ईश्वर अल्लाह तेरे नाम,
गीता पढ़ो या पढ़ो कुरान ,
इन दोनों में श्री भगवान ,
हमारे बापू प्यारे बापू,,,,,,
स्वरचित बाल गीत
रजनी अग्रवाल
जोधपुर
[04/10, 1:54 pm] वीना अडवानी 👩: पूजय महात्मा गांधी जी
*******************
हाथ में लाठी
आंखों पर ऐनक
पैंरों में खड़ाऊ
तन पर धोती, गम्छा
धारण करे थे वो।।
सूत कात, चरखा चला
खादी में भी हीरा जड़े थे वो
त्याग करा विदेशी वस्तुओं का
स्वदेशी ही हरे थे वो।।
हे राम का पाठ नित करे थे वो
अहिंसा वादी बन कर नसीहत
पढ़ाए थे संसार को वो।।
दांडी यात्रा, नमक आंदोलन
संग आजादी दिलाए थे जो।।
वही तो प्रेम, शांति पूर्वक सत्य
राह दिखाए थे वो।।
वीना आडवानी तन्वी
नागपुर, महाराष्ट्र
**************-****
[04/10, 2:05 pm] डा. अंजूल कंसल इन्दौर: प्यारे बापू (बाल कविता)
नन्हें मुन्नों के हैं प्यारे बापू
चुनिया मुनिया के न्यारे बापू
गुजरात पोरबंदर में जन्मे बापू
मोहनदास गांधी कहलाए बापू।
पहने एक सूती धोती तन पर
और न दूजा कपड़ा देह पर
गोल- गोल चश्मा पहने आंख पर
हाथ में लाठी मुस्कान होठों पर।
अहिंसा का सबको पाठ पढ़ाया
आजादी का बिगुल बजाया
सत्य बोलना सबको सिखाया
सत्याग्रह का रास्ता दिखाया।
डा अँजुल कंसल "कनुप्रिया"
2-10-21
[04/10, 2:11 pm] ♦️तारा प्रजापति - जोधपुर: अग्निशिखा मंच
4/10/2021 सोमवार
विषय- गांधी जी
बापू तुम फिर से आ जाओ
बापू! एक बार तुम,
फिर से आ जाओ।
देश का सोया,
भाग्य जगाओ।।
आज़ादी के बाद भी
आज़ाद नहीं हम,
आतंकवाद कहीं तो
कहीं बारूद और बम,
अमन-शांति का
हमें पाठ पढ़ाओ।
बापू! एक बार तुम
फिर से आ जाओ।।
हिंसा की आग
चारों तरफ फैली है,
भावनाएं भी
दूषित और मैली है,
राम-राज्य का
अलख जगाओ।
बापू!एक बार तुम
फिर से आ जाओ।।
जेल में तुमने
गीता लिखी है,
रौशनी उसकी
पड़ गयी फ़ीकी है,
ज्ञान का नन्हा
दीप जलाओ।
बापू!एक बार तुम
फिर से आ जाओ।।
दीमक बन कर
चाट रहे हैं,
देश को अपने
बांट रहे हैं,
देश के गद्दारों को
देश से मार भगाओ।
बापू! एक बार तुम
फिर से आ जाओ।।
बापू तेरे स्वप्न्न सलौने
टूट रहें हैं,
देश को अपने
अपने ही लूट रहे हैं,
प्रेम-प्रीत की
डगर दिखाओ।
बापू! एक बार तुम
फिर से आ जाओ।।
तारा "प्रीत"
जोधपुर (राज०)
[04/10, 2:17 pm] रवि शंकर कोलते क: सोमवार दिनांक ४/१०/२१
विधा*****कविता
विषय *****
#**राष्ट्रपिता महात्मा गांधी**#
°°°°°°°°°°°°°°
सादा जीवन उच्च विचार ।
सात्विक तन-मन शुद्धाचार ।।
सत्य अहिंसा और प्रेम का,
दिया तुमने पैगाम
बापू तुम्हें कोटि-कोटि प्रणाम।।धृ
रामराज का ख़्वाब तुम्हारा ।
आज भी ना हो सका पूरा ।।
कक कण माटी का पुकारे ।
आओ लेकर जनम दोबारा ।।
बापू तुमने कहा था कि ,
आराम है हराम ।।१
गांधी नाम की आंधी ऐसी ।
के देश छोड़ भागे फिरंगे ।।
भारत माता मुस्कुराई जब ।
लहराए चारों दिशामें तिरंगे ।।
दिलाई आजादी हमें ,
बिना शस्त्र संग्राम ।।२
अजब तुम्हारा हौसला था ।
गजब था तुम्हारा दम खम ।।
सीने पर खाई हैं गोलियां ।
पर लबों पर था वंदे मातरम ।।
अंतिम सांस ली तुमने ,
मुखसे कहा हे राम ।।३
प्रा रविशंकर कोलते
नागपुर
#
[04/10, 2:23 pm] 💃💃sunitaअग्रवाल: बाल गीत
बापू
गांधीजी के तीन बंदर, कहते बात सुंदर,🌸
बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत बोलो,🌸
सदा सच बोलो,🌸
गांधीजी ने अहिंसा का पाठ पढ़ाया🌸
विषम परिस्थितियों में सदा सच बोलो,🌸
सत्य वचनों का ज्ञान कराया🌸
अग्रेजों भारत छोड़ो,- - - 2
का बिगुल बजाया🌸
जन- जन में देशभक्ति का जज्बा जगाया🌸
अपनी सत्यवादिता से विश्व में नाम कमाया🌸
बापू अपने सदकर्म, सद विचारो से राष्ट्र पिता कहलाए🌸
सुनीता अग्रवाल इंदौर मध्यप्रदेश स्वरचित
[04/10, 2:34 pm] डा. बैजेन्द्र नारायण द्िवेदी शैलेश🌲🌲 - वाराणसी - साझा: आदरणीय मंच को नमन गांधीजी और शास्त्री जी की जयंती पर प्रस्तुत कविता।
+++++++++++
दीपक अहिंसा सत्य का गांधी ने जलाया
निज प्रखर आत्मशक्ति से फिरंगी भगाया
लेता था नाम राम का था प्यार सभी से
15 अगस्त को स्वदेश मुक्त कराया ।।
चलता जिधर था कोटि कोटि पग उधर चले
उस एक दीप से ही दीप अनगिनत जले
हर गांव जगा, शहर जगा,बस्तियां जगी
हिंदू क्या, मुसलमान क्या, सभी मिले गले।।
ःजन गण के मन की लालसा ,विहान पा गई, नदिया प्रगति की नया फिर उफानपा गई।
भारत की जय, जय वंदे मातरम का रव जगा, भारत मां अपना खोया फिर सम्मान पा गई।।
आजाद ,भगत ,बिस्मिल, सुखदेव मर मिटे ,
यतींद्र ,राजगुरु ,सचिंद्र के भी सर कटे .बलिदानियों की श्रृंखला से पार न पाए
थक हार कर अंग्रेज अपने देश से हटे ।।
काशी का लाल ,लाल बहादुर था साथ में ,
चलता था आगे आगे तिरंगा ले हाथ में।
नेहरू के साथ, मालवीय जी भी थे डटे
करते सभा थे गांव गांव जाकर रात में।
जय हो महात्मा गांधी, और लाल बहादुर ,
आनंद की सरिता बही उत्साह था प्रचुर ,
जब लाल किला पर तिरंगा फहरता अपना, गर्वित हर एक हिंदुस्तानी का है होता उर।।
🌷 भारत माता की जय
डॉ बृजेंद्र नारायण
द्विवेदी शैलेश वाराणसी 94 50 18 6712.🌻🌻
[04/10, 2:42 pm] विजेन्द्र मोहन बोकारो: *मेरी बापू सुन ले ये पैगाम*
सूनले बापू ये पैगाम मेरी चिट्ठी तेरे नाम।
चिट्ठी में सबसे पहले लिखते तुम को राम राम।।
काला धन काला व्यापार रिश्वत का है गरम बाजार।
सत्य अहिंसा करे पुकार टूट गया चरखे का तार।
तेरे अनशन सत्याग्रह के बदल गए असली बर्ताव।
एक नई विद्या उपजी जिसको कहते हैं घेराव।
तेरी कठिन तपस्या का ये कैसा निकला है अंजाम।
चिट्ठी में सबसे पहले लिखता हूं तुम को राम राम।।
विजयेन्द्र मोहन।
[04/10, 2:50 pm] +91 98822 39135: 🙏मंच को नमन🙏
विषय - महात्मा गांधी
सत्य अहिंसा के बल से
अंग्रेजों को देश से भगाया
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई करो
भाईचारे का पाठ पढ़ाया
अहिंसा के तुम पुजारी महान
सब गाते तेरा गुणगान
चरखा खुद चलाकर तूने
स्वाभिमान का दिया लोगों को ज्ञान
शांति का पाठ पढ़ा कर
राष्ट्र का गुणगान कर
मान देश का तूने बढ़ाया
तब बापू इस देश का तु कहलाया
जात पात के बंधन तोड़े
दिलों से दिल लोगों के जोड़े
वैर भाव मन से मिटाया
समरसता का तूने पाठ पढ़ाया
सत्यता की प्रतिमूर्ति गांधी
समरसता की खान गांधी
डगमगाए नहीं कभी अपने सत्य पथ से
चाहे आई जीवन में कष्टों की कितनी भी आंधी
नीरज कुमार
हिमाचल प्रदेश
[04/10, 2:54 pm] प्रेरणा सेन्द्रे इंदौर साझा: "महात्मा गांधी "
सत्य पर चलकर विजय मिलेगी
अहिंसा के रास्ते सद्भावना आएगी
अहिंसा परमो धर्म जिनका नारा
उस पार कायम बापू हमारा।
भोर उठकर योग से सुदृण होते
कदमताल से मीलो दूरी चलते।
हाथ से चरखा जो कातते
आत्मनिर्भर भारत को संदेश देते।
मैला ढोकर काम में फर्क नहीं मानते
स्वयं का काम करने में शर्म नहीं करते.।
सत्याग्रह के लिए अंग्रेजों से लड़े
भारत पाकिस्तान को अलग करने को खड़े।
कस्तूरबा का साथ जिन्हे मिला
भारत को गांधी जैसा मसीहा मिला.।
नाथूराम गोडसे जिसने चिराग़ बुझाया
अमर होकर आज भी गांधी कहलाया।
नमक और सत्याग्रह आंदोलन किये
भारत की खातिर कई बार जेल गये।
बुरा मत बोलो बुरा मत कहो बुरा मत सुनो
सत्य अहिंसा के रास्ते चल बापू बनो।
फिर एक आंधी चली नया युग आया
देश की नई सुबह बन "मोदी" बापू बन आया।
प्रेरणा सेन्द्रे
स्वरचित
[04/10, 3:17 pm] आशा 🌺नायडू बोरीबली: 🌹 हमारे बापू 🌹
*****************
हैं ,राष्ट्रपिता हमारे, महात्मा गांधी युग पुरुष कहलाते हैं। जिनके आगे विश्व आदर से शीश नवाता है । हम भारतीयों की देख दुर्दशा , उनकी राष्ट्रीय भावना जागी थी । अंग्रेजो के अमानवीय व्यवहार ने असहयोग आंदोलन चलाया । सत्याग्रह था, उनका प्रमुख अस्त्र । सत्य अहिंसा थी , उनकी जड़ें , सत्य अहिंसा के थे, वे पुजारी । उनके उच्च आदर्शों ने सत्य के सम्मुख , अंग्रेजों को झुकाया । विश्व को दिया , शांति का संदेश । 2 अक्टूबर 1869 को जन्मे , 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने उनकी जीवन लीला समाप्त कर दी । एक भविष्य दृष्टा , एक युग दृष्टा को हमने खो दिया। है , दुर्भाग्य हमारा स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हम उनका मार्गदर्शन अधिक समय तक न पा सके। उनके आदर्श, उनके सिद्धांत , हमें सदा याद रख, उन्हें अमल में लाना है, विश्व में रहेगा , सदा उनका , नाम अमर । जय बापू ,जय राष्ट्रपिता जय हो ,जय हो, जय हो।
********************स्वरचित व मौलिक रचना
डाॅ . आशालता नायडू .
मुंबई . महाराष्ट्र .
********************
[04/10, 3:26 pm] कुम कुम वेद सेन: विषय महात्मा गांधी
2 अक्टूबर पावन दिवस
के दो अनमोल रतन
महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री
उच्च विचार सादा जीवन
विचारों और कर्मों से दोनों
जीवन अमर हुआ
सत्य अहिंसा के पुजारी
दिलवाई आजादी
बिना खड़ग बिना ढाल
स्वदेशी वस्त्रों को पहनकर
विदेशी वस्तुओं का किया अपमान
तकली चरखा से सूट काटकर
नए भारत का निर्माण
नमक आंदोलन के द्वारा
तोड़ा गुलामी की जंजीर
संकल्प निर्णय की शक्ति
ब्रिटिश को भारत से हटाया
जन-जन में समानता
की भावना को जगाया
जन-जन को यह संदेश दिया
बुरा नहीं बोलो,
बुरा नहीं सुनो
बुरा नहीं देखो
आत्मनिर्भर भारत का
सपना सब को दिखलाया
अखंड भारत का ज्योति जलाया
सब धर्मों को मान दिलाया
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीताराम
भजन से देश-विदेश को
संगीतमय बना दिया।
भारत के राष्ट्रपिता
आत्मा गांधी कहलाए
आत्मनिर्भर भारत का सपना अभी तक है अधूरा
उनके विचारों को मोदी ने पालन किया
संकल्प की शक्ति से पूरी होगी गांधी के अधूरे सपने
कुमकुम वेदसेन
[04/10, 3:36 pm] 💃वंदना: फूल
कुसुम सुमन पुष्प या सरोज कहूं मैं।
तुम ही कहो कि उपमा तुम्हें कौन सी दूं मैं।
देवों के शीश चढ़ के इठलाते हो प्यारे
उपवन की शोभा बन महकते हो तुम ही।
सोलह सिंगार बन सजते हो कभी
तो बच्चों की भोली सूरत में बसते हो कभी।
रंग बिरंगे बड़े नाजुक ये फूल हैं
रक्षक वन कंटक है पालते इन्हें।
कब कौन सा आवरा भंवर धावा बोल दे
कलियों को नोच कर पखड़ी बिखेर दें।
इसी लिए फूल संग कांटे हैं जरूरी
मुस्कान इनकी यूहि कोई न छीन ले।
फूल तो फिर फूल है रंग बिरंगे
खिलखिलाते मन को लुभावने।
वंदना शर्मा बिंदु देवास मध्य प्रदेश।
[04/10, 3:48 pm] सरोज दुगड गोहाटी: *अग्नि शिखा काव्य मंच *
* ४/१०/२०२१/ सोमवार *
* " हमारे बापू " *
महात्मा गाँधी जयंती आती हर बार ,
राजघाट समाधी पर चढ़ाते पुष्पहार !
जन्म जंयती मनांई जाती हर बार ,
भाषणं बाजी होती हर बार - बार !
नेताओं के उजले कपड़े काले चरित्र ,
देश का भविष्य कैसे रहै सुरक्षित ?
बापू के सिद्धांतों का होता चीरहरण ,
कुत्सित लालसाओं का समीकरण !
सत्ता सुख का जी भर करते उपयोग ,
महात्मा गाँधी जयंती मनानें का ढोंग !
एक धोती नंगा बदन ओर एक लाठी ,
सत्याग्रह कर आजादी पानें की ठानी !
साबरमति के संत कर दिया अदभूत काम ,
" हमारे बापू " ने जीवन कर दिया देश के नाम !
अगर बापू के सिद्धांत का करे अनुसरणं ,
महात्मा गांधी जयंती मनाना होगा सार्थक ???
सादर प्रकाशनार्थ 🙏
सरोज दुगड़
खारूपेटिया
असम
🙏🙏🙏
[04/10, 3:54 pm] +91 70708 00416: 🌷 राष्ट्रपिता महात्मा गांधी🌷
आओ सुनाएं बापू जी की अमर कहानी
दो अक्टुबर का बहुत महत्त्व है इसमें है इतिहास छिपा
इस पावन दिन को गांधी जी ने जन्म लिया
सबको दिया अमर ज्ञान
सत्य अहिंसा को अपनाओ यही उन्होंने संदेश दिया
सत्य मार्ग को अपनाएंगे तो होगी सदा भलाई
इसके दम पर राष्ट्रपिता ने अंग्रेजों की फौज भगाई
सत्य अहिंसा के पुजारी हो तुम साबरमती के संत हो तुम
राष्ट्रपिता तुम कहलाते हो
सभी प्यार से कहते हैं बापू
हम सब तेरी संतान हैं
तुम हो हमारे बापू
सादा जीवन उच्च विचार
तुम्हारा नहीं कोई अभिमान
खादी की धोती और कुर्ता वह टोपी पहने
वाह रे बापू तेरी ग़ज़ब की शान
एक लाठी के दम पर तुमने अंग्रेजों के छक्के छुड़ाये
भारत मां को आजाद कराया
देश की शान को बचाया
बापू जी आपको शत-शत नमन!!
डॉ मीना कुमारी'परिहार'
[04/10, 3:55 pm] आशा 🏆🏆जाकड इन्दौर: स्वरचित
आओ हम सब भारत माँ के
सपूत गाँधी का दर्शन करायें
उनके उच्च विचार समझाए
उनके सिद्धांतों को अपनाएं
महात्मा गाँधी के सपनों से
हम एक नया भारत बनाएं।।
अहिंसा का बिगुल बजा कर
भारत को आजादी दिलाई
चरखे से सूत कातना सिखा
हम सबको खादी पहनाई
छुआछूत का भेद मिटाकर
समानता का पाठ पढ़ाएँ।
गांधीजी का आदर्श जीवन
सिद्धांतों का सरल जीवन
करते हैं हमारा मार्गदर्शन
बनाएंगे हम समृद्ध भारत
गांँधी बापू को करते नमन
चरणों में शत -शत वन्दन।।
आशा जाकड़, इन्दौर म. प्र.
9754969496
[04/10, 3:57 pm] स्मिता धारसारीया Mosi: विषय ...बापू
अहिंसा का जिसने पाठ पढ़ाया ,
अच्छे बुरे का फर्क समझाया .
देश को जिसने आजाद कराया ,
ऐसे थे हमारे बापू महान |
सत्यता का मार्ग दिखाया ,
एकता और अखंडता को बचाया ,
ईश्वर अल्लाह एक सामान ,
ऐसे थे हमारे बापू महान |
आया है आज दिन पुनीत ,
आओ मिल गायें देश गीत ,
जिनसे बना नया विधान ,
ऐसे थे हमारे बापू महान |
करें इन्हेँ सत सत नमन ,
चढायें इन्हें श्र्द्धा के सुमन ,
आओ इनका अनुसरण करें ,
इनके बताये सत्य मार्ग पर चलें
राग द्वेष भूल ,भाईचारे को अपनाये ,
ऐसे थे हमारे बापू महान |
माध्यम बना तीन बंदरों को ,
दुनिया को सबसे बड़ा ,
शांति मार्ग दिखाया ,
बुरा न बोलो, न बुरा सुनो, न बुरा देखो ,
सयंम और शांति का जीवन पाओ ,
ऐसे थे हमारे बापू महान |
एक धर्म एक कर्म ,
सादा जीवन ,उच्च विचार ,
मौन ही सशक्त भाषण है ,
प्यार ही जीवन है ,
प्रार्थना सफलता की कुंजी है ,
ऐसे थे सिद्धांत उनके ,
ऐसे थे हमारे बापू महान ,
ऐसे थे हमारे बापू महान |
स्मिता धिरासरिया ,मौलिक
बरपेटा रोड
[04/10, 3:57 pm] ओम 👅प्रकाश पाण्डेय -: बापू ( बाल गीत -- एक छोटे बालक की बापू के नाम चिठ्ठी ) ---- ओमप्रकाश पाण्डेय
आज कहाँ खो गया
तेरा ओ चर्खा
कहाँ खो गया वो
तेरा जीवन सादा
खादी तो आज भूल गया
सारा हिन्दुस्तान तुम्हारा
बापू यह चिठ्ठी तेरे नाम..... ... 1
वो सत्य का आग्रह तेरा
कहाँ खो गया आज
झूठ बोलते नेता नहीं थकते
झूठ बिक रहा यहाँ खुलेआम
नेताओं के सफेद कपड़ों पर
भ्रष्टाचार का है लगा दाग
बापू यह चिठ्ठी तेरे नाम......... 2
कहाँ खो गयी तेरी हिन्दी
अंग्रेजी का चल रहा है राज
गाँव गाँव कानवेन्ट खुले हैं
टाई लगा कर गली गली घूम रहे हैं
आज तेरे भारत के लाल
बापू यह चिठ्ठी तेरे नाम......... 3
बात बात पर हिंसा होता
कोई सुनें न बात किसी का
तेरा स्वराज आज खो गया कहीं
आज यहाँ तो बस गुण्डाराज है
लगे हैं अपनी जेबें भरने में
आज देश के सारे कर्णधार
बापू यह चिठ्ठी तेरे नाम.... .... 4
सत्य अहिंसा सादा जीवन
यह सब केवल कुछ शब्द हैं आज
दिखावा ढोंग आरजकता हिंसा
से भरा हुआ है आज समाज
कहाँ खो गया वह पहले का
अपना सभ्य सुसंस्कारित समाज
बापू यह चिठ्ठी तेरे नाम... ..... 5
( यह मेरी मौलिक रचना है ----- ओमप्रकाश पाण्डेय)
[04/10, 4:23 pm] Anshu Tiwari Patna: आज 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती है
मेरी एक स्वरचित रचना
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीताराम,
यह पंक्ति सुनते ही दुबली पतली सी काया ,हाथ में लकुटी
आंखों में गोल गोल चश्मा
सादी सी धोती में
वह पुरुष जो शरीर से भले ही दुबला पतला हो
पर सत्य अहिंसा का पुजारी
अडिग ्यक्तित्व का स्वामी
मोहनदास करमचंद गांधी है।
हमारी आजादी के अग्रणी
राष्ट्रपिता है वह,
जिन्हें हम महात्मा गांधी प्यार से
बाबू तथा राष्ट्रपिता है वो।
2 अक्टूबर 1869 मे
करमचंद गांधी पुतलीबाई के
घर जन्मा एक सितारा था
नाम रखा मोहनदास
महात्मा गांधी जानते हैं।।
पढ़ने जब वह इंग्लैंड गया
अपने भाइयों की दुर्दशा देख उसका हृदय बहुत द्रवित हुआ।
राष्ट्रीय भावना जागृत हुई और
अंग्रेजो के खिलाफ सत्याग्रह आंदोलन चलाया।
जिसमें हिंसा से नहीं अहिंसा से
अंग्रेजों को झुकाया।
सत्याग्रह असहयोग आंदोलन
यही उनके हथियार थे।
कोशिश करते रहे
सभी ने मिल कोशिश है कि
अंततः आजादी दिलाई।
चाहते तो रामराज्य थे वे
लेकिन द्रवित हुआ उनका मन
भारत दो टुकड़ों में बट गया
दुर्भाग्य था हमारा की
मार्गदर्शन ना प्राप्त हो सका।
पापी हत्यारे नाथूराम ने
30 जनवरी 1948 को
गोलियां उनके सीने में उतार कर
हमारा वह मार्गदर्शक हमसे छीन लिया।
भविष्य दृष्टा युग दृष्टा
बहुत दूर चले गए।
यह हमारी जिम्मेवारी है
उनके आदर्श और सिद्धांत हम जीवित रखें।
धन्यवाद
अंशु तिवारी पटना
[04/10, 4:38 pm] चंदा 👏डांगी: $$ बापू$$
बापू मैं छोटा हूँ,नासमझ हूँ
बतलादो मुझे
ये नोटो पर छपने का राज क्या है
आपको चाहिए थी एक धोती
वो भी बनाते आप चरखे पर
आपका चश्मा बना था
लोहे की फ्रेम मे लगाकर काँच
आपकी लकड़ी बांस की
जिसका नही कोई मोल
अपना सारा काम खुद करते
देनी पड़ती नही मजदूरी
खाना आपका सादा,जीवन सादा
नोटों का आपके जीवन मे
नही था कोई काम
नोट से करते लोग
बेईमानी, रिश्वत खोरी
करते आपका नाम खराब
फिर क्यों हो आप नोटो पर
ये मेरा बालमन समझ न पाया
सोच सोचकर हूँ बेहाल
कोई तो समझादो मुझे
गाँधी जी के नोटो पर छपने का राज
चन्दा डांगी रेकी ग्रैंडमास्टर
रामटेकरी मंदसौर मध्यप्रदेश
[04/10, 4:44 pm] 💃वंदना: बापू
बापू मेरे भोले भाले
कमर लंगोटी हाथ लकोटि
गोल गोल आंखों में चश्मा
कमर टंगी एक घड़ी भली सी।
बापू मेरे भोले भाले
वो हम सबके थे रखवाले।
गहन मनन चिंतन करते थे
पाठ अहिंसा का पठवाते।
आजादी का बिगुल बजाया
काम शांति से करवाया
रघुपति राघव राजा राम
बापू जी मेरे बड़े महान
बापू जी मेरे भोले भाले
वैष्णव जन का भजन सुनाए।
वंदना शर्मा बिंदु देवास मध्य प्रदेश।
[04/10, 5:22 pm] 👑पदमाकाक्षी शुक्ला: 🙏🌹अग्नि शिखा मंच 🌹🙏
🙏🌹जय अम्बे🌹४/१०/२१🌹🙏
*बाल कविताः *एक बालक का बापू से सवाल*
परतंत्र बने अंग्रेजो से, शश्त्र बिना आज़ादी पाई।
मेरे खिलौने छीन लेते, मैने उसे थप्पड़ लगाई।।
एक वस्त्र में बापू रहते, ,एसा कैसे कर पाए हम,।
बिना वस्त्र को पत्थर मारे, जगमें कहलाए पागल हम ।।
रात दिवस कार्य करते, छोटा सा दिपक ही जलाते।
झगमग रौशनी हम लगाते, अंधकार में पढ ना पाते।।
भूखे रहते उपवास करे, बापू मनमानी करवाते ।
मुझसे भूख सहन ना होती, मनमानी हम कैसे करते।।
छोड़ दिया वल्लभ पटेल को, नहेरू से क्युं प्यार करते।
समझ नहीं पाते हम अब भी, अन्याय आप कैसे करते।।
में बालक छोटा अज्ञानी, साथ दिया नहीं भगत सिंह को।
स्वतंत्रता लिए जो लड़ते, आप साथ रखते ना उनको।।
🙏🌹स्वरचित रचना 🌹🙏
🙏🌹पद्माक्षि शुक्ल 🌹🙏
[04/10, 6:00 pm] सुरेन्द्र हरडे: *कविता:-*बड़े याद आते हो बाबा*। *गांधी बाबा*
बड़ी याद आते हो गांधी बाबा
लेकिन,
सारी याद तुम्हारी आज रुलाती हमको,
देख देख कर इस दुनिया ने कैसे कैसे रूप तुम्हारा
विकृत करके रख छोड़ा है
सत्य अहिंसा भुला दिया है
कितना सुंदर
सत्य खड़ा था
जब तुम इसके साथ खड़े थे
अपनी पतली लंबी लाठी लेकर
लगातार बढ़ने में,
आगे-आगे अंग्रेजों से लोहा लेने
साथ तुम्हारे
अहरह कैसे
महा सुंदरी सुधड हिंसा
बढ़ रही थी सब की हिम्मत
सब की ताकत
नेताजी सुभाष चंद्रशेखर भगत सिंह या कुंवर सिंह हो अथवा कोई प्रेमचंद सा कलमकार
सबके सब साथ तुम्हारे
धन्य हमारे गांधी बाबा
ले आए थे जो आंधी तुम
आजादी को ले आने की
वह आंधी सचमुच ले आई
उस गुलाम भारत में
आजादी का लहरा
चली लड़ाई बड़े जोर से
अंग्रेजों से बड़े दिनों तक
खून खराबा रोखे बाजी
लाठी बाजी से बंमफोडी
तरह-तरह से चली लड़ाई
मगर सभी के बीच खड़ी थी बड़े ज्ञान से
मां सुंदरी सुधड अहिंसा
और सभी के आगे आगे
बड़े धैर्य के साथ खड़े थे तुम हो गांधी बाबा।
बड़ी याद आते हो हमको
लेकिन आज रुलाने वाले
इस दुनिया में बहुत बढ़ गए हैं
नाम तुम्हारा भुना भुना कर
खाने वाले कितने बनिया
बना रहे भोलो को उल्लू
अब क्या बोलें ,
लगता है आंखों ने अब तो बंद कर दिया सत्य को देखना
महा सुंदरी सुधड अहिंसा
को सुन पाना कठिन हो गया
जो भी हो हे!गांधी बाबा
बड़ी याद आते हो हमको गांधी बाबा गांधी बाबा।।
सुरेंद्र हरड़े
नागपुर
दिनांक ०४/१०/२०२१
[04/10, 6:06 pm] रामेश्वर गुप्ता के के: महात्मा गांधी ( हमारे बापू)
हमारे प्यारे प्यारे श्री बापूजी,
जग से है वे है न्यारे बापूजी।
पोरबंदर में बापू जन्म लिया,
अंग्रेजो को देश से भगा दिया।।
हमारे.......................... 1
अहिंसा के पुजारी देशभक्त थे,
समय की खास वे जरूरत थे।
आजादी के वे एक दिवाने थे,
जनमन सब उनके दीवाने थे।।
हमारे............................2
दाडी यात्रा के वे एक दाता थे,
भारत के वे भाग्य विधाता थे।।
हिन्दू मुस्लिम उन्हें सब एक थे,
अनसन करने में वह श्रेष्ठ थे।।
हमारे...........................3
बापू जी खादी के वह प्रेमी थे,
सादा जीवन शुद्ध विचारक थे।
श्रम दान सदा वे करते रहते थे,
स्वदेशी जीवन वह अपनाते थे।।
हमारे............................4
स्वरचित,
रामेश्वर प्रसाद गुप्ता ।
[04/10, 6:34 pm] Nilam 👏Pandey👏 Gorkhpur: अग्निशिखा मंच
बाल गीत -- बापू
वह हड्डी का ढांचा मात्र
सत्य ही था प्राण जिसका
कहते मसीहा दीनों का
विश्व भर में बापू नाम जिसका
रह जाता अधूरा हिंद का इतिहास
अगर न होता बलिदान उसका
ना अस्त्र था ना शस्त्र था
चरखा चलाना काम जिसका
दुबली पतली काया में कुछ तो विशेष था
सारा जग कायल था जिसका
कुछ मंत्र अहिंसा के थे
हर मन में जाप हुआ जिसका
कुछ सत्याग्रह का पालन था
बापूजी ने उपयोग किया जिसका
सुख समृद्धि संपन्न देश हो
रामराज्य लाना था स्वप्न उनका
स्वरचित कविता
नीलम पाण्डेय गोरखपुर उत्तर प्रदेश
[04/10, 7:06 pm] डा. महताब अहमद आज़ाद /उत्तर प्रदेश: विषय.. हमारे बापू
_________
सीधे साधे और सच्चे थे!
बापू पयारे कितने अच्छे थे!!
कोमल मन वाले बापू थे!
बच्चों मे बन जाते बच्चे थे!!
कभी न बदले अपने इरादे थे!
कभी न अंग्रेजों के सामने झुके थे!!
मुश्किल सहन की ,सफर रखा जारी!
बापू जी थे अहिंसा के पुजारी!!
नाम था मोहन दास करम चंद गांधी!
बापू जी थे आज़ादी की आंधी!!
वह भारत के सपूत महान थे!
जिनकी नज़र में बराबर सब इंसान थे!!
सिख,हिंदू हो चाहे मुसलमान!
बापू सबका करते थे सममान!!
"आज़ाद"भारत हुआ अपना!
बापू का साकार हुआ था सपना!!
डा.महताब अहमद आज़ाद
उत्तर प्रदेश
[04/10, 8:10 pm] पुष्पा गुप्ता / मुजफ्फरपुर: 🙏🌹अग्नि शिखा मंच 🌹🙏
🙏विषय: ,,,, बापू,,,,,🙏
🌹बाल - कविता 🌹
🌿दिनांक: 04/10/21🌿
********************************
बापू जी हैं बड़े महान,
करते थे वे अच्छे काम।
सत्य अहिंसा अपनाया,
सन्मार्ग का पाठ पढाया ।
बापू के थे बंदर तीन,
ज्ञान में थे वे,अति प्रवीण ।
बुरा न कहना, बुरा न सुनना,
और ,कभी ना बुरा देखना ।
बापू जी ने यही कहा था,
'ईश्वर अल्लाह तेरो नाम-
सबको संमति दे भगवान ।"
🙏🌹
*********************************
स्वरचित एवं मौलिक रचना
डॉ पुष्पा गुप्ता
मुजफ्फरपुर
बिहार
🌹🙏
बेहतरीन समिक्षा बढ़िया की निहारिका ठाकुर एंव सुरेंद्र हरड़े
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