अग्निशिखा मॉच
४/६/२०२१
हाइकु -अलका पाण्डेय
सावनआया
मोहक दृश्य बने
तस्विर सजे
सावन आया
हलचल मचाये
गरीब त्रस्त
वर्षा का जल
भिगोय तन मन
कटुता धुले
दादा की काठी
वर्षा में सहारा है
काई ही काई
धरा हर्षाये
गंदगी बह जाये
मेघ बरसे
रवि छुट्टी पे
कजरारी बदली
बरस रही
मन का मैल
सावन में धुले
स्वच्छता हुई
बंसत आया
महका घर सारा
बच्चो सी खुशी
बरसा पानी
टूट गया छप्परा
बुढा बेहाल
पावस माह
जल कुंभी ले कर
धरा पे आया
वर्षा का जल
आकाश से गिरे
धरा पे बहे
मेघ की बेटी
विरहनी बन के
धरा पे आई
नभ की बेटी
बाबूल की दहली
दहला गई
बर्षा होती है
हिलोरे उठती है
शांत मन में
बारिस आई
झिगुर हँसते है
रहते मस्त
बरसात में
जन जन मे हर्ष
मुग्ध झींगुर
गिरती बुंदे
मन का ताप हरे
हर्ष समाये
ढोल बजाती
झिंगुर की टोली है
वर्षा आई है
झीगुर नाचे
बाँध पग घुँघरु
जश्न मनाते
गीत गाते है
मिल कर झिगुर
सावन आया
वर्षा का मज़ा
सब को ही आता है
झिगुर सोचे
अलका पाण्डेय - मुम्बई अग्निशिखा
अग्निशिखा मंच
तिथि- 4-6-2021
विषय- हायकु सावन पर
1,,,आया सावन
चमके बिजुरिया
डरता मन
2,,, चूडियाँ हरी
सावन झूले पड़े
झूले है गोरी
3,,, कजरी गाये
सावन में सजनी
पिया है आये
4,,,माँग सजाया
पायल छनकाई
सावन आया
हाइकू
1मेरे सपने
अब होंगे साकार
संग बूंदों के
2 बादल छाए
तेज हवाएं चली
बारिश होगी
3 श्रृंगार किया
उपवन महका
सुकून मिला
4 वर्षा फुहार
भिगोया तन-मन
सुखी जीवन
5, बरखा आई
मन मयूर हुआ
गाएं पपीहा
शोभा रानी तिवारी इन्दौर
नीरजा ठाकुर नीर
पलावा डोंबीवली
महाराष्ट्र
हाइकू
1मेरे सपने
अब होंगे साकार
संग बूंदों के
2 बादल छाए
तेज हवाएं चली
बारिश होगी
3 श्रृंगार किया
उपवन महका
सुकून मिला
4 वर्षा फुहार
भिगोया तन-मन
सुखी जीवन
5, बरखा आई
मन मयूर हुआ
गाएं पपीहा
शोभा रानी तिवारी इन्दौर
वीना अचतानी,
अग्निशिखा मंच को नमन,
विषय**सावन ** हाइकू ****
1) सावन आया
वसुधा का ह्रदय
खिलखिलाया ।
2) है रिमझिम
सावन की बारिश
शायद तू है ।
3) हमें लगता
रोया करती शाख
सावन बिना ।
3) पात पात में
तरू तरू बोलता
प्रीत के बोल ।
4) वसंती वय
मंडराते भ्रमर
अतृप्त चाह ।
5) फूलों फूलों की
खुशबु से चमन
झोली भर दे ।
6) कटे जब से
हरे भरे जंगल
उदास है सावन ।
7) पेड़ों के पते
झूम झूम डोलते
हवा से बोलते ।
8) वर्षा उदास
झूमती झालर सी
बिन बरसे ।।
9) नहीं मनता
कोई उत्सव
सावन के बिना ।
10) आया सावन
बुलबुल गाती है
शायद तू है ।।।
स्वरचित मौलिक
वीना अचतानी
जोधपुर (राजस्थान)....
सावन आया
*
सावन आया
गोरी ने बगिया में
झूला लगाया
*
सावन आया
गोरी ने चुनर में
गोटा सजाया
*
सावन आया
गोरी ने हथेली में
लाली लगाया
*
सावन आया
गोरी ने प्रीतम को
पास बुलाया
*
सावन आया
गोरी संग मीत ने
कजरी गाया
- नागेंद्र कुमार दुबे
माँ शारदे को प्रणाम
मंच को नमन
विधा - हाइकु
विषय - सावन
ऋतु सावन
अति मनभावन
हर्षित मन
उमड़ी घटा
बादल की र्गजन
बोले पपीहा
विरहा मन
आकुल -व्याकूल सा
झूमां सावन
घिरती घटाऐं
चमकती बिजली
डरी कामिनी
नव योवना
का पहला सावन
मधुर गान
रमणीं भीगी
रात हुई नशीली
बहका मन
घरती भीगी
सावन भी बरसा
भीगा अंतस
सरोज दुगड़
खारूपेटिया , गुवाहटी
असम
🙏🙏🙏